Tuesday 16 August 2011

होमिओपैथी में दवा का चयन कैसे किया जाता है? (How to select a remedy in homeopathy?)

होमिओपैथी में दवा का चयन कैसे किया जाता है?

दवा के चयन के दो मुख्य आधार है ...
१. रेपरटरी
२. मटेरिया मेडिका

मटेरिया मेडिका में अनेक दवा के लक्षण दिए हुए है. आप यदि किसी भी दवा को मटेरिया मेडिका में देखते हो तो आप पाएंगे की जिस तरह हमने पेशंट से जानकारी लेने के लिए एक प्रश्नावली यहाँ (कृपया पहले के पोस्ट देखे) दी है उसी प्रकार हर दवा में अनेक अनेक लक्षण दिए जाते है.

जो आदमी मटेरिया मेडिका पहली बार पढता है वह तो बहोत आश्चर्य करता है की इसमे तो हर दवा हर लक्षण पर काम करती है. यही होमिओपैथी को काम करने से रोकने वाली सोच है. हर दवा अनेक लक्षणों पर तभी कर करेगी जब पेशंट के लक्षण (सिम्पटम्स) समग्र रूप में उससे मेल खायेंगे.

समग्र रूप से मेल खाने का मतलब यह नहीं है की जितने लक्षण मटेरिया मेडिका में दिए हुए है वो सब पेशंट में रहे. उसका मतलब है की पेशंट ने दवा के साथ मेल खाना चाहिए.

जैसे हर २ टांग वाले आदमी को अमिताभ जैसा नहीं कहा जा सकता. आप देखेंगे की उसकी हाइट कितनी है. यदि उसकी हाइट ६ फीट से ज्यादा है तो भी उसे अमिताभ जैसा नहीं कहा जा सकता यदि वह बहोत मोटा है. अगर उसका रूप अमिताभ जैसा है लेकिन बाते करते वक़्त यदि वह शालीनता नहीं दिखाता है तो उसे अमिताभ जैसा नहीं कही जा सकता.
लेकिन कोई आदमी यदि अमिताभ की सी अदब रखता है तो उसका रूप रंग भिन्न हो तो भी आप उसे अमिताभ कहेंगे. उसी तरह यदि अपने गुणों से पैसा बनाने में यदि कोई आदमी बहोत माहिर है तो आप उसे सचिन तेंदुलकर कहेंगे. भले ही उस आदमी ने कभी हाथ में बल्ला न पकड़ा हो.

किसी पेशंट में किसी रेमिडी को देखना यह एक कला है और वह कला अभ्यास से ही आती है.
रेपरटरी में लक्षणों की सूचि होती है. और हर लक्षण के सामने उन दवाइयों के नाम दिए होते है जो इन लक्षणों को ठीक करने में कारगर सिद्ध हुई है.
रेपरटरी का उपयोग करके हम जो दवा हमें मटेरिया मेडिका के तौलनिक अभ्यास से सबसे ज्यादा संयुक्तिक प्रतीत होती है उसे चुनते है.
हम चार पांच लक्षणों से रेपरटरी का अवलोकन करके बाद में मटेरिया मेडिका के आधार पर संयुक्तिक दवा तक पहुचते है.

कभी कभी कुछ लक्षण ऐसे होते है की जिसके लिए दवा की खोज करना बहोत आसान होता है. रेपरटरी और मटेरिया मेडिका खोलकर देखने की जरुरत नहीं पड़ती.

जैसे यदि किसी को एक्सिडेंट होने से सदमा पहुचता है तो उसकी दवा आर्निका है.
एक्सिडेंट के कारण यदि हड्डी की चोट है तो पहले आर्निका लेने के बाद उसने रुता लेना चाहिए. यदि वह बैठने से अकड़ जाता है तो रह्स टॉक्स लेना चाहिए.
यदि ऊँगली कट जाती है या ऐसा ही कुछ होता है तो कैलेंदुला लेना चाहिए.
जखम बड़ी है और उसमे सुजन है तो लेडम पाल लेना चाहिए.
जखम की वजह से बहोत दर्द है तो हायपरीकम लेना चाहिए.

1 comment:

  1. Article is good but you should also publish the anti homeo medicine

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