Monday 29 August 2011

आयुर्वेदिक दवाइयाँ जो हम अधिकतर होम्योपैथी दवाइयों के साथ प्रयोग में लाते है. (Ayurvedic remedies that we include often in our treatment plan.)

हम अक्सर निचे दी हुई आयुर्वेदिक दवाइयों का प्रयोग होम्योपैथिक दवाइयों के साथ करते है. जैसा की हम पहले देख चुके है की ये दवाइयाँ शरीर की विभिन्न व्यवस्थाओ को शक्ति प्रदान करती है.

१. चंद्रप्रभा वटी -

यह मूत्र रोगों पर और यौन रोगों पर विशेष असर दिखाती है. 
बार बार पेशाब को जाना, पेशाब में शक्कर का जाना,
स्त्री को सफ़ेद पानी का जाना, मासिक धर्म की अनियमितताए,
पुरुषो को पेशाब में धातु जाने की समस्या,
पेशाब में जलन होना ऐसे अनेक विकारो पर यह दवा काम करती है.

यह स्नायु और हड्डी को भी मजबूती प्रदान करती है. इसलिए इसका प्रयोग कमजोरी में भी करते है.

इसकी १-१ गोली सुबह शाम नाश्ते या भोजन के बाद पानीसे ले. इसे शहद से या दूध से भी ले सकते है. गोली को दात से तोड़े फिर निगले या पहले ही तोड़कर फिर निगले.

२. योगराज गुग्गुलु

इस दवा का प्रयोग स्नायुओ को मजबूती प्रदान करता है. बुढ़ापे की व्याधियो जैसे पैर की पिंडलियों में दर्द होना, घुटनों में दर्द होना वगैराह उसमे यह दवा अच्छा असर दिखाती है.
इसकी १-१ गोली सुबह शाम नाश्ते या भोजन के बाद पानीसे ले. इसे शहद से या दूध से भी ले सकते है. गोली को दात से तोड़े फिर निगले या पहले ही तोड़कर फिर निगले.

३. त्रयोदशांग गुग्गुलु

यह वात विकारो की एक जबरदस्त दवा है. इसके प्रयोग से लकवे (पक्षाघात) में अद्भुत लाभ होता है. लकवा होने के बाद जितने जल्दी इसे प्रयोग में लाया जायेगा लाभ उतना ही जल्द होंगा. यदि लकवा होने के बाद बहोत समय बीत गया है तो एक लम्बे काल के लिए इस दवा का नियमित सेवन करना होगा.
सर्वाइकल स्पोंडीलायटिस में भी यह अच्छा काम करती है.
इसकी १-१ गोली सुबह शाम नाश्ते या भोजन के बाद पानीसे ले. इसे शहद से या दूध से भी ले सकते है. गोली को दात से तोड़े फिर निगले या पहले ही तोड़कर फिर निगले.

४. सितोपलादी चूर्ण

यह खासी की एक जबरदस्त दवा है. सूखी खासी पर इसे जादू की तरह काम करते हुए देखा गया है. एक चौथाई चम्मच चूर्ण शहद के साथ एक दिन में ३-४ बार ले सकते है.

५. हरिद्रा खंड

यह खुजली की एक जबरदस्त दवा है. शीत पित्त में भी इसे किसी जादू की तरह काम करते हुए देखा है. इसे आधा चम्मच रोजाना पानीसे तीन बार ले सकते है.

6 comments:

  1. एक दुसरो के यहाँ घर-काम करने वाली २५ साल की महिला चक्कर की शिकायत ले कर उपस्थित हुई. उसे अंग्रेजी डॉक्टर ने २ दिन भर्ती रक्खा और ग्लुकोस चढ़ाया. पर उसकी कमजोरी काम ना हुई. उसे काली कार्ब २०० की पांच खुराक और बाद में चंद्रप्रभा वटी सुबह शाम दी गयी. उसे चक्कर आना बंद हो गया और थकान भी कम हो गयी.

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  2. अनेक लोग मेरे पास खासी होने पर दवा मांगने को आते थे. मैंने उन्हें सितोपलादि चूर्ण लेने को कहा, उनका खासी की लिए मेरे पास आना बंद हो गया.

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  3. एक ४५ वर्ष की स्त्री मेरे पास घुटने में सुजन, कब्ज और पैर में और कमर में दर्द की शिकायत ले कर आई. उसे चंद्रप्रभा वटी, योगराज गुग्गुलु और त्रिफला गुग्गुलु से आराम हुआ.

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  4. एक ७५ साल की वृद्धा को पार्किनसन की बीमारी में त्रयोदशांग गुग्गुलु से लाभ हुआ. उसे स्वामी रामदेव जी महाराज के औषध दर्शन पुस्तिका में पार्किन्सन के लिए जो पॅकेज दिया है उसकी सभी दवाइयों को प्रयुक्त किया गया.

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  5. एक ४७ साल की महिला को पक्षाघात का झटका आया. उसे छह महीने तक एलोपैथी की दवा दी गयी. उसका हाथ निष्प्राण हो चूका था और मुह टेढ़ा. उसे त्रयोदशांग गुग्गुलु से लाभ हुआ. उसका मुह भी ठीक हुआ और हाथ भी स्नायु से भरकर सामान्य दिखने लगा. उसे स्वामी रामदेव जी महाराज के औषध दर्शन पुस्तिका में पक्षाघात/पार्किन्सन के लिए जो पॅकेज दिया है उसकी सभी दवाइयों को प्रयुक्त किया गया.

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