हम अक्सर निचे दी हुई आयुर्वेदिक दवाइयों का प्रयोग होम्योपैथिक दवाइयों के साथ करते है. जैसा की हम पहले देख चुके है की ये दवाइयाँ शरीर की विभिन्न व्यवस्थाओ को शक्ति प्रदान करती है.
१. चंद्रप्रभा वटी -
यह मूत्र रोगों पर और यौन रोगों पर विशेष असर दिखाती है.
बार बार पेशाब को जाना, पेशाब में शक्कर का जाना,
स्त्री को सफ़ेद पानी का जाना, मासिक धर्म की अनियमितताए,
पुरुषो को पेशाब में धातु जाने की समस्या,
पेशाब में जलन होना ऐसे अनेक विकारो पर यह दवा काम करती है.
यह स्नायु और हड्डी को भी मजबूती प्रदान करती है. इसलिए इसका प्रयोग कमजोरी में भी करते है.
इसकी १-१ गोली सुबह शाम नाश्ते या भोजन के बाद पानीसे ले. इसे शहद से या दूध से भी ले सकते है. गोली को दात से तोड़े फिर निगले या पहले ही तोड़कर फिर निगले.
इस दवा का प्रयोग स्नायुओ को मजबूती प्रदान करता है. बुढ़ापे की व्याधियो जैसे पैर की पिंडलियों में दर्द होना, घुटनों में दर्द होना वगैराह उसमे यह दवा अच्छा असर दिखाती है.
इसकी १-१ गोली सुबह शाम नाश्ते या भोजन के बाद पानीसे ले. इसे शहद से या दूध से भी ले सकते है. गोली को दात से तोड़े फिर निगले या पहले ही तोड़कर फिर निगले.
१. चंद्रप्रभा वटी -
यह मूत्र रोगों पर और यौन रोगों पर विशेष असर दिखाती है.
बार बार पेशाब को जाना, पेशाब में शक्कर का जाना,
स्त्री को सफ़ेद पानी का जाना, मासिक धर्म की अनियमितताए,
पुरुषो को पेशाब में धातु जाने की समस्या,
पेशाब में जलन होना ऐसे अनेक विकारो पर यह दवा काम करती है.
यह स्नायु और हड्डी को भी मजबूती प्रदान करती है. इसलिए इसका प्रयोग कमजोरी में भी करते है.
इसकी १-१ गोली सुबह शाम नाश्ते या भोजन के बाद पानीसे ले. इसे शहद से या दूध से भी ले सकते है. गोली को दात से तोड़े फिर निगले या पहले ही तोड़कर फिर निगले.
२. योगराज गुग्गुलु
इस दवा का प्रयोग स्नायुओ को मजबूती प्रदान करता है. बुढ़ापे की व्याधियो जैसे पैर की पिंडलियों में दर्द होना, घुटनों में दर्द होना वगैराह उसमे यह दवा अच्छा असर दिखाती है.
इसकी १-१ गोली सुबह शाम नाश्ते या भोजन के बाद पानीसे ले. इसे शहद से या दूध से भी ले सकते है. गोली को दात से तोड़े फिर निगले या पहले ही तोड़कर फिर निगले.
३. त्रयोदशांग गुग्गुलु
इसकी १-१ गोली सुबह शाम नाश्ते या भोजन के बाद पानीसे ले. इसे शहद से या दूध से भी ले सकते है. गोली को दात से तोड़े फिर निगले या पहले ही तोड़कर फिर निगले.
यह वात विकारो की एक जबरदस्त दवा है. इसके प्रयोग से लकवे (पक्षाघात) में अद्भुत लाभ होता है. लकवा होने के बाद जितने जल्दी इसे प्रयोग में लाया जायेगा लाभ उतना ही जल्द होंगा. यदि लकवा होने के बाद बहोत समय बीत गया है तो एक लम्बे काल के लिए इस दवा का नियमित सेवन करना होगा.
सर्वाइकल स्पोंडीलायटिस में भी यह अच्छा काम करती है.इसकी १-१ गोली सुबह शाम नाश्ते या भोजन के बाद पानीसे ले. इसे शहद से या दूध से भी ले सकते है. गोली को दात से तोड़े फिर निगले या पहले ही तोड़कर फिर निगले.
४. सितोपलादी चूर्ण
यह खासी की एक जबरदस्त दवा है. सूखी खासी पर इसे जादू की तरह काम करते हुए देखा गया है. एक चौथाई चम्मच चूर्ण शहद के साथ एक दिन में ३-४ बार ले सकते है.
यह खासी की एक जबरदस्त दवा है. सूखी खासी पर इसे जादू की तरह काम करते हुए देखा गया है. एक चौथाई चम्मच चूर्ण शहद के साथ एक दिन में ३-४ बार ले सकते है.
५. हरिद्रा खंड
यह खुजली की एक जबरदस्त दवा है. शीत पित्त में भी इसे किसी जादू की तरह काम करते हुए देखा है. इसे आधा चम्मच रोजाना पानीसे तीन बार ले सकते है.
यह खुजली की एक जबरदस्त दवा है. शीत पित्त में भी इसे किसी जादू की तरह काम करते हुए देखा है. इसे आधा चम्मच रोजाना पानीसे तीन बार ले सकते है.
एक दुसरो के यहाँ घर-काम करने वाली २५ साल की महिला चक्कर की शिकायत ले कर उपस्थित हुई. उसे अंग्रेजी डॉक्टर ने २ दिन भर्ती रक्खा और ग्लुकोस चढ़ाया. पर उसकी कमजोरी काम ना हुई. उसे काली कार्ब २०० की पांच खुराक और बाद में चंद्रप्रभा वटी सुबह शाम दी गयी. उसे चक्कर आना बंद हो गया और थकान भी कम हो गयी.
ReplyDeleteअनेक लोग मेरे पास खासी होने पर दवा मांगने को आते थे. मैंने उन्हें सितोपलादि चूर्ण लेने को कहा, उनका खासी की लिए मेरे पास आना बंद हो गया.
ReplyDeleteएक ४५ वर्ष की स्त्री मेरे पास घुटने में सुजन, कब्ज और पैर में और कमर में दर्द की शिकायत ले कर आई. उसे चंद्रप्रभा वटी, योगराज गुग्गुलु और त्रिफला गुग्गुलु से आराम हुआ.
ReplyDeleteएक ७५ साल की वृद्धा को पार्किनसन की बीमारी में त्रयोदशांग गुग्गुलु से लाभ हुआ. उसे स्वामी रामदेव जी महाराज के औषध दर्शन पुस्तिका में पार्किन्सन के लिए जो पॅकेज दिया है उसकी सभी दवाइयों को प्रयुक्त किया गया.
ReplyDeleteएक ४७ साल की महिला को पक्षाघात का झटका आया. उसे छह महीने तक एलोपैथी की दवा दी गयी. उसका हाथ निष्प्राण हो चूका था और मुह टेढ़ा. उसे त्रयोदशांग गुग्गुलु से लाभ हुआ. उसका मुह भी ठीक हुआ और हाथ भी स्नायु से भरकर सामान्य दिखने लगा. उसे स्वामी रामदेव जी महाराज के औषध दर्शन पुस्तिका में पक्षाघात/पार्किन्सन के लिए जो पॅकेज दिया है उसकी सभी दवाइयों को प्रयुक्त किया गया.
ReplyDeleteमुझे आपकी blog बहुत अच्छी लगी। मैं एक Social Worker हूं और Jkhealthworld.com के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जानकारियां देता हूं। मुझे लगता है कि आपको इस website को देखना चाहिए। यदि आपको यह website पसंद आये तो अपने blog पर इसे Link करें। क्योंकि यह जनकल्याण के लिए हैं।
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