यह बहोत जरुरी है की आवश्यक परिक्षण भी किये जाये. यदि किसी व्यक्ति को चक्कर आ रहे है तो उसका बी पी और ब्लड शुगर देख ले.
बात तो सही है की होम्योपैथी में दवा समग्र लक्षण के आधार पर दी जाती है लेकिन यह भी आवश्यक है की व्यक्ति अपना ब्लड शुगर और बी पी नियंत्रित रखे.
एक बुजुर्ग आदमी को चक्कर आने लगे. इसके पहले जब उन्हें चक्कर आये थे तो नक्स वोमिका २०० से आराम हुआ था. सो उन्हें नक्स वोमिका २०० की एक खुराक दी गयी.
बाद में आर्ग निट २०० भी दिया गया क्यों की वे एक उथल पुथल वाले सम्मलेन में जाने को लेकर परेशान थे.
बाद में काली कार्ब २०० और नक्स वोमिका २०० की एक एक खुराक ने उन्हें राहत पहुचाई.
उन्होंने जब अपना ब्लड शुगर और बी पी चेक किया तो पाया की ब्लड शुगर बढ़ा हुआ है. असली आराम तो उसे नियंत्रित करने से ही मिलेगा. तो क्या हर छाती के दर्द के लिए दिल की जाच कराये और सरदर्द के लिए दिमाग का फोटो निकाले? सोचना तो आपको है. इसे अत्यंत आगे ले जाना और पीछे छोड़ देना दोनों खतरे से खाली नहीं.
बात तो सही है की होम्योपैथी में दवा समग्र लक्षण के आधार पर दी जाती है लेकिन यह भी आवश्यक है की व्यक्ति अपना ब्लड शुगर और बी पी नियंत्रित रखे.
एक बुजुर्ग आदमी को चक्कर आने लगे. इसके पहले जब उन्हें चक्कर आये थे तो नक्स वोमिका २०० से आराम हुआ था. सो उन्हें नक्स वोमिका २०० की एक खुराक दी गयी.
बाद में आर्ग निट २०० भी दिया गया क्यों की वे एक उथल पुथल वाले सम्मलेन में जाने को लेकर परेशान थे.
बाद में काली कार्ब २०० और नक्स वोमिका २०० की एक एक खुराक ने उन्हें राहत पहुचाई.
उन्होंने जब अपना ब्लड शुगर और बी पी चेक किया तो पाया की ब्लड शुगर बढ़ा हुआ है. असली आराम तो उसे नियंत्रित करने से ही मिलेगा. तो क्या हर छाती के दर्द के लिए दिल की जाच कराये और सरदर्द के लिए दिमाग का फोटो निकाले? सोचना तो आपको है. इसे अत्यंत आगे ले जाना और पीछे छोड़ देना दोनों खतरे से खाली नहीं.