आइये बात करे एक ऐसे पैथी की जो बिलकुल ही सस्ती है. हा इतनी सस्ती की बिलकुल मुफ्त. वह पैथी है होमिओपैथी.
होमिओपैथी में मूल दवा का एक परमाणु भी नहीं होता है इसलिए यह संभव है की आपको दवा इतनी सस्ती मिल सकती है.
होमिओपैथी दवा शरीर के मार्गदर्शक का काम करती है. इसलिए दवा का सही चयन और एक के बाद दूसरी दवा का क्रम इसमें बहोत मायने रखता है.
डा. सामुएल हनिमन होमिओपैथी के जनक है. आप एलोपैथी की सर्वोच्च पदवी प्राप्त कर चुके थे. लेकिन एलोपैथी की काम करने की पद्धति से आपको आपत्ति होने के कारण आपने गहन अभ्यास और अथक परिश्रम के बाद होमिपैथी का विकास किया.
होमोओपैथी यदि इतनी सस्ती है तो उसका प्रयोग व्यापक स्तर पर क्यों नहीं हो रहा है?
उसकी वजह है की होमोपैथी को दूसरी पैथियो की तरह प्रयोग करनी की कोशिश होती है जिससे परिणाम नहीं मिलते है.
मतलब यह है की हर पैथी के कुछ आधार होते है और उस पैथी के अंतर्गत दवा उसी आधार पर दी जाती है. जैसे एलोपैथी में दवा का वर्गीकरण ऐसे हो सकता है जैसे...
१. दर्द को ख़त्म करने वाली दवा
२. बुखार को उतारने वाली दवा.
३. नींद लाने वाली दवा.
४. स्टिरोइड.
५. विटामिन सप्लीमेंट्स.
तो यदि मरीज को बुखार है तो उसे बुखार उतरने वाली दवा दी जाएगी.
यदि उसे नींद नहीं आती है तो नींद आने की गोली दी जाएगी.
एलोपैथी में आपात परिस्थिति में स्टिरोइड का प्रयोग भी करते है. जी हा यह बात सच है की स्टेरोइड ने एलोपैथी को चमत्कारिक शक्ति प्रदान की है और यह भी बात सच है की उसे साइड इफेक्ट्स भी भयंकर होते है.
दर्द निवारक शक्ति तो दर्द निवारक औषधियों में होती है लेकिन उसके दुष्परिणाम लीवर, किडनी जैसे महत्त्वपूर्ण अंगो पर बड़े पैमाने पर हो सकते है.
हम ने यह सब बाते यहाँ इसलिए कही है की लोगो का, खासकर गाव के लोगो का अलोपैथी पर विश्वास है. वो जबतक चमकीले कागज में दवा न देखे, इंजेक्शन न देखे उन्हें तो लगता ही नहीं की दवाखाने आये है.
साहब ऐसा न समझे की हम ये सब बाते किसी को निचा दिखने के लिए कह रहे है. हमारी ऐसी कोई कोशिश नहीं है. हम तो बस इस पक्ष में कुछ बाते रखना चाहते है की होमिपैथी को एक मौका तो दे. और भी बात है की यहाँ ग्यारंटी वाली कोई बात नहीं है. और मुझ पर जुरमाना वगैरह लगाने की कोई बात ना सोचे. मै आपके सामने एक विचार रख रहा हु उसपर गौर बस कीजिये.
तो होमिओपैथि में ख़ास बात क्या है, अलग बात क्या है इस पर आ जाए. होमिओपैथी में हर लक्षण के लिए अलग दवा नहीं दी जाती है. इस में व्यक्ति के सारे लक्षण लिए जाते है.
आप आपके पेशंट से निचे दी हुई बाते पूछे.
होमोपैथी में बहुत दवा है. यदि पूरी बात पता नहीं चली तो दवा बताने में दिक्क़त होती है.
**१. आप का मिजाज कैसा है? गुस्सेबाज, ठंडा दिमाग, हर किसीसे प्यार, हर किसीसे नफरत, या आप ही बताये कैसे है आप.
**२. आपके बदन में क्या क्या तकलीफ है जैसे सर दर्द, कमर का दर्द इत्यादि, दर्द को ठीक तरहसे पूरा बताये
**३. आपको ठंडी का मौसम अच्छा लगता है खुली हवा अच्छी लगती है या गर्मी का मौसम अच्छा लगता है, क्या खुदको ढक कर रहते हो
**४. किस वक़्त आप सुहाना महसूस करते है और किस वक़्त आप ठीक नहीं होते. जैसे सुबह में आपका मिजाज ठीक होता है और रात को बिगड़ जाता है.
**५. आपकी नींद कैसी है.
**६. आपको पसीना कितना आता है? ज्यादा या कम. कहा पर आता है - पेट पर, मुह पर, सर पर.
**७. आपकी प्यास कैसी है. आप पानी, गरम पेय और शीत पेय कितना पीते है. एक बार में थोडा पीते है या ज्यादा पीते है.
**८. आपकी परेशानी एक जगह बैठने से या आराम करने से बढाती है या घुमने फिरने से, काम करने से बढती है
**९. आपका हाजमा कैसा है. हाजमे में कोई दिक्कत है. आप रोज कितनी बार जाते है. पेट पूरा साफ़ होता है या कब्जियत रहती है.
**१०. आप को यौन से सबंधित कोई शिकायत है क्या.
**११. यदि आप स्त्री है तो क्या आपकी माहवारी ठीक से आती है.
क्या महीने के महीने आती है. ठीक समय पर.
कितने दिन रहती है.
प्रदर में खून ज्यादा जाता है, कम जाता है या बराबर.
क्या आपको प्रदर के पहले, उसके दौरान या उसके बाद में कोई शिकायत होती है. जैसे कोथे में दर्द, हाथ पैर में दर्द, बुखार आना, उलटी होना इत्यादि.
**१२. आपकी उम्र कितनी है, कद कितना है, वजन कितना है.
आपको पेशंट से उपरोक्त जानकारी लेने के बाद में ही दवा तय करनी है. यदि आप कहेंगे की बुखार है तो ये दवा दे देता हु. दर्द है तो वह दवा दे देता हु तो काम नहीं चलेगा.